दस्तक! दस्तक! दानव आया, है ये कितनो का हत्यारा । दबे पाँव चाल है इसकी, चुपके चुपके हर देश को आया। घुटने टेक दिए कितनो ने, फिर भी जाहिल जनता को समझ ना आया। सरकार ने फिर उपाय लगाया , मॉल ,कॉलेज,दफ्तर सब बंद करवाया। बुद्धू जनता फिर मौका पाकर,छुट्टी समझ मज़े खूब उड़ाया दानव ने फिर मौका पाकर,अपनी संख्या खूब बढ़ाया दस्तक! दस्तक! दानव आया। है चेतावनी! तुम्हे अभी भी, साबुन,मास्क सब खूब लगाओ। खासे,छींके कोई बगल तो मीटर भर की दुरी बनाओ। घर का खाना ,घर का पीना, दाई ,रसोइये पे पाबंद लगाओ। मिले जो कोई मित्र या साथी, हाथ "जोड़ " अभिवादन कर आओ, मिलेंगे हम फिर कल-परसो , पर पहले दस्तक दानव के तो भगाओ। अगर किसी के पल्ले ये पड़ ना पाए , आंकड़े मृत्यु के उसे दिखाओ, कोरोना महामारी के संकट उसको बतलाओ इटली ,अमेरिका में उसके दहसत दिखलाओ । फिर भी जो वो करे तमाशा, फ़ौरन पुलिस को फ़ोन लगाओ। बोले जो कोई जाने को बाहर , कान के नीचे तीन बजाओ। और जो कोई फैलाए अफवाह , साइबर क्राइम केस लगाओ।...